وَّاَصْحٰبُ مَدْيَنَۚ وَكُذِّبَ مُوْسٰى فَاَمْلَيْتُ لِلْكٰفِرِيْنَ ثُمَّ اَخَذْتُهُمْۚ فَكَيْفَ كَانَ نَكِيْرِ ( الحج: ٤٤ )
And the inhabitants
وَأَصْحَٰبُ
और मदयन के रहने वालों ने
(of) Madyan
مَدْيَنَۖ
और मदयन के रहने वालों ने
And Musa was denied
وَكُذِّبَ
और झुठलाए गए
And Musa was denied
مُوسَىٰ
मूसा
so I granted respite
فَأَمْلَيْتُ
तो ढील दी मैं ने
to the disbelievers
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों को
then
ثُمَّ
फिर
I seized them
أَخَذْتُهُمْۖ
पकड़ लिया मैं ने उन्हें
and how
فَكَيْفَ
तो कैसा था
was
كَانَ
था
My punishment
نَكِيرِ
अज़ाब मेरा
Waashabu madyana wakuththiba moosa faamlaytu lilkafireena thumma akhathtuhum fakayfa kana nakeeri (al-Ḥajj 22:44)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और मदयनवाले भी झुठला चुके है और मूसा को भी झूठलाया जा चुका है। किन्तु मैंने इनकार करनेवालों को मुहलत दी, फिर उन्हें पकड़ लिया। तो कैसी रही मेरी यंत्रणा!
English Sahih:
And the inhabitants of Madyan. And Moses was denied, so I prolonged enjoyment for the disbelievers; then I seized them, and how [terrible] was My reproach. ([22] Al-Hajj : 44)