وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَاۤءِ مَاۤءًۢ بِقَدَرٍ فَاَسْكَنّٰهُ فِى الْاَرْضِۖ وَاِنَّا عَلٰى ذَهَابٍۢ بِهٖ لَقٰدِرُوْنَ ۚ ( المؤمنون: ١٨ )
And We send down
وَأَنزَلْنَا
और उतारा हम ने
from
مِنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
water
مَآءًۢ
पानी
in (due) measure
بِقَدَرٍ
साथ एक अन्दाज़े के
then We cause it to settle
فَأَسْكَنَّٰهُ
फिर ठहराया हम ने उसे
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِۖ
ज़मीन में
And indeed, We
وَإِنَّا
और बेशक हम
on
عَلَىٰ
ले जाने पर
taking it away
ذَهَابٍۭ
ले जाने पर
taking it away
بِهِۦ
उसे
surely (are) Able
لَقَٰدِرُونَ
अलबत्ता क़ादिर हैं
Waanzalna mina alssamai maan biqadarin faaskannahu fee alardi wainna 'ala thahabin bihi laqadiroona (al-Muʾminūn 23:18)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और हमने आकाश से एक अंदाज़े के साथ पानी उतारा। फिर हमने उसे धरती में ठहरा दिया, और उसे विलुप्त करने की सामर्थ्य भी हमें प्राप्त है
English Sahih:
And We have sent down rain from the sky in a measured amount and settled it in the earth. And indeed, We are Able to take it away. ([23] Al-Mu'minun : 18)