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قُلْ لِّلْمُؤْمِنِيْنَ يَغُضُّوْا مِنْ اَبْصَارِهِمْ وَيَحْفَظُوْا فُرُوْجَهُمْۗ ذٰلِكَ اَزْكٰى لَهُمْۗ اِنَّ اللّٰهَ خَبِيْرٌۢ بِمَا يَصْنَعُوْنَ  ( النور: ٣٠ )

Say
قُل
कह दीजिए
to the believing men
لِّلْمُؤْمِنِينَ
मोमिन मर्दों से
they should lower
يَغُضُّوا۟
वो पस्त रखें
their gaze
مِنْ
अपनी निगाहों में से
their gaze
أَبْصَٰرِهِمْ
अपनी निगाहों में से
and they should guard
وَيَحْفَظُوا۟
और वो हिफ़ाज़त करें
their chastity
فُرُوجَهُمْۚ
अपनी शर्मगाहों की
That
ذَٰلِكَ
ये
(is) purer
أَزْكَىٰ
ज़्यादा पाकीज़ा है
for them
لَهُمْۗ
उनके लिए
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(is) All-Aware
خَبِيرٌۢ
ख़ूब ख़बर रखने वाला है
of what
بِمَا
उसकी जो
they do
يَصْنَعُونَ
वो करते हैं

Qul lilmumineena yaghuddoo min absarihum wayahfathoo furoojahum thalika azka lahum inna Allaha khabeerun bima yasna'oona (an-Nūr 24:30)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ईमानवाले पुरुषों से कह दो कि अपनी निगाहें बचाकर रखें और अपने गुप्तांगों की रक्षा करें। यही उनके लिए अधिक अच्छी बात है। अल्लाह को उसकी पूरी ख़बर रहती है, जो कुछ वे किया करते है

English Sahih:

Tell the believing men to reduce [some] of their vision and guard their private parts. That is purer for them. Indeed, Allah is [fully] Aware of what they do. ([24] An-Nur : 30)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) ईमानदारों से कह दो कि अपनी नज़रों को नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें यही उनके वास्ते ज्यादा सफाई की बात है ये लोग जो कुछ करते हैं ख़ुदा उससे यक़ीनन ख़ूब वाक़िफ है