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وَيَقُوْلُوْنَ اٰمَنَّا بِاللّٰهِ وَبِالرَّسُوْلِ وَاَطَعْنَا ثُمَّ يَتَوَلّٰى فَرِيْقٌ مِّنْهُمْ مِّنْۢ بَعْدِ ذٰلِكَۗ وَمَآ اُولٰۤىِٕكَ بِالْمُؤْمِنِيْنَ  ( النور: ٤٧ )

And they say
وَيَقُولُونَ
और वो कहते हैं
"We believe
ءَامَنَّا
ईमान लाए हम
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and in the Messenger
وَبِٱلرَّسُولِ
और रसूल पर
and we obey"
وَأَطَعْنَا
और इताअत की हमने
Then
ثُمَّ
फिर
turns away
يَتَوَلَّىٰ
मुँह फेर लेता है
a party
فَرِيقٌ
एक गिरोह
of them
مِّنْهُم
उनमें से
after
مِّنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
that
ذَٰلِكَۚ
इसके
And not
وَمَآ
और नहीं
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
ये लोग
(are) believers
بِٱلْمُؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले

Wayaqooloona amanna biAllahi wabialrrasooli waata'na thumma yatawalla fareequn minhum min ba'di thalika wama olaika bialmumineena (an-Nūr 24:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे मुनाफ़िक लोग कहते है कि 'हम अल्लाह और रसूल पर ईमान लाए और हमने आज्ञापालन स्वीकार किया।' फिर इसके पश्चात उनमें से एक गिरोह मुँह मोड़ जाता है। ऐसे लोग मोमिन नहीं है

English Sahih:

But they [i.e., the hypocrites] say, "We have believed in Allah and in the Messenger, and we obey"; then a party of them turns away after that. And those are not believers. ([24] An-Nur : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और (जो लोग ऐसे भी है जो) कहते हैं कि ख़ुदा पर और रसूल पर ईमान लाए और हमने इताअत क़ुबूल की- फिर उसके बाद उन में से कुछ लोग (ख़ुदा के हुक्म से) मुँह फेर लेते हैं और (सच यूँ है कि) ये लोग ईमानदार थे ही नहीं