Skip to main content

اَلَمْ تَرَ اِلٰى رَبِّكَ كَيْفَ مَدَّ الظِّلَّۚ وَلَوْ شَاۤءَ لَجَعَلَهٗ سَاكِنًاۚ ثُمَّ جَعَلْنَا الشَّمْسَ عَلَيْهِ دَلِيْلًا ۙ  ( الفرقان: ٤٥ )

Do you not
أَلَمْ
क्या नहीं
see
تَرَ
आपने देखा
[to]
إِلَىٰ
तरफ़ अपने रब के
your Lord
رَبِّكَ
तरफ़ अपने रब के
how
كَيْفَ
किस तरह
He extends
مَدَّ
उसने फैला दिया
the shadow?
ٱلظِّلَّ
साय को
And if
وَلَوْ
और अगर
He willed
شَآءَ
वो चाहता
surely He (could) have made it
لَجَعَلَهُۥ
अलबत्ता वो बना देता उसे
stationary
سَاكِنًا
साकिन / ठहरा हुआ
Then
ثُمَّ
फिर
We made
جَعَلْنَا
बनाया हमने
the sun
ٱلشَّمْسَ
सूरज को
for it
عَلَيْهِ
उस पर
an indication
دَلِيلًا
दलील/राहनुमा

Alam tara ila rabbika kayfa madda alththilla walaw shaa laja'alahu sakinan thumma ja'alna alshshamsa 'alayhi daleelan (al-Furq̈ān 25:45)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या तुमने अपने रब को नहीं देखा कि कैसे फैलाई छाया? यदि चाहता तो उसे स्थिर रखता। फिर हमने सूर्य को उसका पता देनेवाला बनाया,

English Sahih:

Have you not considered your Lord – how He extends the shadow, and if He willed, He could have made it stationary? Then We made the sun for it an indication. ([25] Al-Furqan : 45)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) क्या तुमने अपने परवरदिगार की कुदरत की तरफ नज़र नहीं की कि उसने क्योंकर साये को फैला दिया अगर वह चहता तो उसे (एक ही जगह) ठहरा हुआ कर देता फिर हमने आफताब को (उसकी शिनाख्त के वास्ते) उसका रहनुमा बना दिया