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وَالَّذِيْنَ يَقُوْلُوْنَ رَبَّنَا اصْرِفْ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَۖ اِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا ۖ  ( الفرقان: ٦٥ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
say
يَقُولُونَ
कहते हैं
"Our Lord!
رَبَّنَا
ऐ हमारे रब
Avert
ٱصْرِفْ
फेर दे
from us
عَنَّا
हम से
the punishment
عَذَابَ
अज़ाब
(of) Hell
جَهَنَّمَۖ
जहन्नम का
Indeed
إِنَّ
बेशक
its punishment
عَذَابَهَا
अज़ाब उसका
is
كَانَ
है
inseparable
غَرَامًا
लाज़िम होने वाला

Waallatheena yaqooloona rabbana isrif 'anna 'athaba jahannama inna 'athabaha kana gharaman (al-Furq̈ān 25:65)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो कहते है कि 'ऐ हमारे रब! जहन्नम की यातना को हमसे हटा दे।' निश्चय ही उनकी यातना चिमटकर रहनेवाली है

English Sahih:

And those who say, "Our Lord, avert from us the punishment of Hell. Indeed, its punishment is ever adhering; ([25] Al-Furqan : 65)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और वह लोग जो दुआ करते हैं कि परवरदिगारा हम से जहन्नुम का अज़ाब फेरे रहना क्योंकि उसका अज़ाब बहुत (सख्त और पाएदार होगा)