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قُلْ سِيْرُوْا فِى الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَيْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُجْرِمِيْنَ   ( النمل: ٦٩ )

Say
قُلْ
कह दीजिए
"Travel
سِيرُوا۟
चलो फिरो
in
فِى
ज़मीन में
the land
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and see
فَٱنظُرُوا۟
फिर देखो
how
كَيْفَ
किस तरह
was
كَانَ
हुआ
(the) end
عَٰقِبَةُ
अंजाम
(of) the criminals"
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिमों का

Qul seeroo fee alardi faonthuroo kayfa kana 'aqibatu almujrimeena (an-Naml 27:69)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

कहो कि 'धरती में चलो-फिरो और देखो कि अपराधियों का कैसा परिणाम हुआ।'

English Sahih:

Say, [O Muhammad], "Proceed [i.e., travel] through the land and observe how was the end of the criminals." ([27] An-Naml : 69)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) लोगों से कह दो कि रुए ज़मीन पर ज़रा चल फिर कर देखो तो गुनाहगारों का अन्जाम क्या हुआ