نَتْلُوْا عَلَيْكَ مِنْ نَّبَاِ مُوْسٰى وَفِرْعَوْنَ بِالْحَقِّ لِقَوْمٍ يُّؤْمِنُوْنَ ( القصص: ٣ )
We recite
نَتْلُوا۟
हम पढ़ते हैं
to you
عَلَيْكَ
आप पर
from
مِن
कुछ ख़बर
(the) news
نَّبَإِ
कुछ ख़बर
(of) Musa
مُوسَىٰ
मूसा की
and Firaun
وَفِرْعَوْنَ
और फ़िरऔन की
in truth
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
for a people
لِقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who believe
يُؤْمِنُونَ
जो ईमान लाते हैं
Natloo 'alayka min nabai moosa wafir'awna bialhaqqi liqawmin yuminoona (al-Q̈aṣaṣ 28:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हम उन्हें मूसा और फ़िरऔन का कुछ वृत्तान्त ठीक-ठीक सुनाते है, उन लोगों के लिए जो ईमान लाना चाहें
English Sahih:
We recite to you from the news of Moses and Pharaoh in truth for a people who believe. ([28] Al-Qasas : 3)