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فَعَمِيَتْ عَلَيْهِمُ الْاَنْۢبَاۤءُ يَوْمَىِٕذٍ فَهُمْ لَا يَتَسَاۤءَلُوْنَ   ( القصص: ٦٦ )

But (will) be obscure
فَعَمِيَتْ
तो अँधी हो जाऐंगी
to them
عَلَيْهِمُ
उन पर
the information
ٱلْأَنۢبَآءُ
ख़बरें
that day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
so they
فَهُمْ
तो वो
will not ask one another
لَا
ना वो आपस में सवाल करेंगे
will not ask one another
يَتَسَآءَلُونَ
ना वो आपस में सवाल करेंगे

Fa'amiyat 'alayhimu alanbao yawmaithin fahum la yatasaaloona (al-Q̈aṣaṣ 28:66)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उस दिन उन्हें बात न सूझेंगी, फिर वे आपस में भी पूछताछ न करेंगे

English Sahih:

But the information will be unapparent to them that Day, so they will not [be able to] ask one another. ([28] Al-Qasas : 66)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तब उस दिन उन्हें बातें न सूझ पडेग़ी (और) फिर बाहम एक दूसरे से पूछ भी न सकेगें