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فَخَسَفْنَا بِهٖ وَبِدَارِهِ الْاَرْضَ ۗفَمَا كَانَ لَهٗ مِنْ فِئَةٍ يَّنْصُرُوْنَهٗ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ۖوَمَا كَانَ مِنَ الْمُنْتَصِرِيْنَ   ( القصص: ٨١ )

Then We caused to swallow up
فَخَسَفْنَا
पस धँसा दिया हमने
him
بِهِۦ
उसे
and his home
وَبِدَارِهِ
और उसके घर को
the earth
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन में
Then not
فَمَا
तो ना
was
كَانَ
था
for him
لَهُۥ
उसके लिए
any
مِن
कोई गिरोह
group
فِئَةٍ
कोई गिरोह
(to) help him
يَنصُرُونَهُۥ
जो मदद करता उसकी
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
and not
وَمَا
और ना
was
كَانَ
था वो
(he) of
مِنَ
बदला लेने वालों में से
those who (could) defend themselves
ٱلْمُنتَصِرِينَ
बदला लेने वालों में से

Fakhasafna bihi wabidarihi alarda fama kana lahu min fiatin yansuroonahu min dooni Allahi wama kana mina almuntasireena (al-Q̈aṣaṣ 28:81)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अन्ततः हमने उसको और उसके घर को धरती में धँसा दिया। और कोई ऐसा गिरोह न हुआ जो अल्लाह के मुक़ाबले में उसकी सहायता करता, और न वह स्वयं अपना बचाव कर सका

English Sahih:

And We caused the earth to swallow him and his home. And there was for him no company to aid him other than Allah, nor was he of those who [could] defend themselves. ([28] Al-Qasas : 81)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने क़ारुन और उसके घर बार को ज़मीन में धंसा दिया फिर ख़ुदा के सिवा कोई जमाअत ऐसी न थी कि उसकी मदद करती और न खुद आप अपनी मदद आप कर सका