اَىِٕنَّكُمْ لَتَأْتُوْنَ الرِّجَالَ وَتَقْطَعُوْنَ السَّبِيْلَ ەۙ وَتَأْتُوْنَ فِيْ نَادِيْكُمُ الْمُنْكَرَ ۗفَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖٓ اِلَّآ اَنْ قَالُوا ائْتِنَا بِعَذَابِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِيْنَ ( العنكبوت: ٢٩ )
Ainnakum latatoona alrrijala wataqta'oona alssabeela watatoona fee nadeekumu almunkara fama kana jawaba qawmihi illa an qaloo itina bi'athabi Allahi in kunta mina alssadiqeena (al-ʿAnkabūt 29:29)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या तुम पुरुषों के पास जाते हो और बटमारी करते हो औऱ अपनी मजलिस में बुरा कर्म करते हो?' फिर उसकी क़ौम के लोगों का उत्तर बस यही था कि उन्होंने कहा, 'ले आ हमपर अल्लाह की यातना, यदि तू सच्चा है।'
English Sahih:
Indeed, you approach men and obstruct the road and commit in your meetings [every] evil." And the answer of his people was not but that they said, "Bring us the punishment of Allah, if you should be of the truthful." ([29] Al-'Ankabut : 29)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तुम लोग (औरतों को छोड़कर कज़ाए शहवत के लिए) मर्दों की तरफ गिरते हो और (मुसाफिरों की) रहजनी करते हो और तुम लोग अपनी महफिलों में बुरी बुरी हरकते करते हो तो (इन सब बातों का) लूत की क़ौम के पास इसके सिवा कोई जवाब न था कि वह लोग कहने लगे कि भला अगर तुम सच्चे हो तो हम पर ख़ुदा का अज़ाब तो ले आओ