اِذْ تَقُوْلُ لِلْمُؤْمِنِيْنَ اَلَنْ يَّكْفِيَكُمْ اَنْ يُّمِدَّكُمْ رَبُّكُمْ بِثَلٰثَةِ اٰلَافٍ مِّنَ الْمَلٰۤىِٕكَةِ مُنْزَلِيْنَۗ ( آل عمران: ١٢٤ )
When
إِذْ
जब
you said
تَقُولُ
आप कह रहे थे
to the believers
لِلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
"Is it not
أَلَن
क्या नहीं
enough for you
يَكْفِيَكُمْ
काफ़ी होगा तुम्हें
that
أَن
कि
reinforces you
يُمِدَّكُمْ
मदद करे तुम्हारी
your Lord
رَبُّكُم
रब तुम्हारा
with three
بِثَلَٰثَةِ
साथ तीन
thousand[s]
ءَالَٰفٍ
हज़ार
[of]
مِّنَ
फ़रिश्तों के
[the] Angels
ٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
फ़रिश्तों के
[the ones] sent down?
مُنزَلِينَ
उतारे हुए
Ith taqoolu lilmumineena alan yakfiyakum an yumiddakum rabbukum bithalathati alafin mina almalaikati munzaleena (ʾĀl ʿImrān 3:124)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जब तुम ईमानवालों से कह रहे थे, 'क्या यह तुम्हारे लिए काफ़ी नही हैं कि तुम्हारा रब तीन हज़ार फ़रिश्ते उतारकर तुम्हारी सहायता करे?'
English Sahih:
[Remember] when you said to the believers, "Is it not sufficient for you that your Lord should reinforce you with three thousand angels sent down? ([3] Ali 'Imran : 124)