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وَمِنْ اٰيٰتِهٖٓ اَنْ خَلَقَ لَكُمْ مِّنْ اَنْفُسِكُمْ اَزْوَاجًا لِّتَسْكُنُوْٓا اِلَيْهَا وَجَعَلَ بَيْنَكُمْ مَّوَدَّةً وَّرَحْمَةً ۗاِنَّ فِيْ ذٰلِكَ لَاٰيٰتٍ لِّقَوْمٍ يَّتَفَكَّرُوْنَ  ( الروم: ٢١ )

And among
وَمِنْ
और उसकी निशानियों में से है
His Signs
ءَايَٰتِهِۦٓ
और उसकी निशानियों में से है
(is) that
أَنْ
कि
He created
خَلَقَ
उसने पैदा किए
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
from
مِّنْ
तुम्हारे नफ़्सों से
yourselves
أَنفُسِكُمْ
तुम्हारे नफ़्सों से
mates
أَزْوَٰجًا
जोड़े
that you may find tranquility
لِّتَسْكُنُوٓا۟
ताकि तुम सुकून पाओ
in them;
إِلَيْهَا
उनकी तरफ़
and He placed
وَجَعَلَ
और उसने डाल दी
between you
بَيْنَكُم
दर्मियान तुम्हारे
love
مَّوَدَّةً
मुहब्बत
and mercy
وَرَحْمَةًۚ
और रहमत
Indeed
إِنَّ
बेशक
in
فِى
इसमें
that
ذَٰلِكَ
इसमें
surely (are) Signs
لَءَايَٰتٍ
अलबत्ता निशानियाँ हैं
for a people
لِّقَوْمٍ
उन लोगों के लिए
who reflect
يَتَفَكَّرُونَ
जो ग़ौरो फ़िक्र करते हैं

Wamin ayatihi an khalaqa lakum min anfusikum azwajan litaskunoo ilayha waja'ala baynakum mawaddatan warahmatan inna fee thalika laayatin liqawmin yatafakkaroona (ar-Rūm 30:21)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और यह भी उसकी निशानियों में से है कि उसने तुम्हारी ही सहजाति से तुम्हारे लिए जोड़े पैदा किए, ताकि तुम उसके पास शान्ति प्राप्त करो। और उसने तुम्हारे बीच प्रेंम और दयालुता पैदा की। और निश्चय ही इसमें बहुत-सी निशानियाँ है उन लोगों के लिए जो सोच-विचार करते है

English Sahih:

And of His signs is that He created for you from yourselves mates that you may find tranquility in them; and He placed between you affection and mercy. Indeed in that are signs for a people who give thought. ([30] Ar-Rum : 21)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उसी की (क़ुदरत) की निशानियों में से एक ये (भी) है कि उसने तुम्हारे वास्ते तुम्हारी ही जिन्स की बीवियाँ पैदा की ताकि तुम उनके साथ रहकर चैन करो और तुम लोगों के दरमेयान प्यार और उलफ़त पैदा कर दी इसमें शक नहीं कि इसमें ग़ौर करने वालों के वास्ते (क़ुदरते ख़ुदा की) यक़ीनी बहुत सी निशानियाँ हैं