فَذُوْقُوْا بِمَا نَسِيْتُمْ لِقَاۤءَ يَوْمِكُمْ هٰذَاۚ اِنَّا نَسِيْنٰكُمْ وَذُوْقُوْا عَذَابَ الْخُلْدِ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ( السجدة: ١٤ )
So taste
فَذُوقُوا۟
तो चखो
because
بِمَا
बवजह उसके जो
you forgot
نَسِيتُمْ
भूल गए तुम
(the) meeting
لِقَآءَ
मुलाक़ात को
(of) this Day of yours
يَوْمِكُمْ
अपने इस दिन की
(of) this Day of yours
هَٰذَآ
अपने इस दिन की
Indeed, We
إِنَّا
बेशक हमने
have forgotten you
نَسِينَٰكُمْۖ
भुला दिया हमने तुम्हें
And taste
وَذُوقُوا۟
और चखो
(the) punishment
عَذَابَ
अज़ाब
(of) eternity
ٱلْخُلْدِ
हमेशगी का
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
Fathooqoo bima naseetum liqaa yawmikum hatha inna naseenakum wathooqoo 'athaba alkhuldi bima kuntum ta'maloona (as-Sajdah 32:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः अब चखो मज़ा, इसका कि तुमने अपने इस दिन के मिलन को भुलाए रखा। तो हमने भी तुम्हें भुला दिया। शाश्वत यातना का रसास्वादन करो, उसके बदले में जो तुम करते रहे हो
English Sahih:
So taste [punishment] because you forgot the meeting of this, your Day; indeed, We have [accordingly] forgotten you. And taste the punishment of eternity for what you used to do." ([32] As-Sajdah : 14)