وَمَآ اَمْوَالُكُمْ وَلَآ اَوْلَادُكُمْ بِالَّتِيْ تُقَرِّبُكُمْ عِنْدَنَا زُلْفٰىٓ اِلَّا مَنْ اٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًاۙ فَاُولٰۤىِٕكَ لَهُمْ جَزَاۤءُ الضِّعْفِ بِمَا عَمِلُوْا وَهُمْ فِى الْغُرُفٰتِ اٰمِنُوْنَ ( سبإ: ٣٧ )
Wama amwalukum wala awladukum biallatee tuqarribukum 'indana zulfa illa man amana wa'amila salihan faolaika lahum jazao alddi'fi bima 'amiloo wahum fee alghurufati aminoona (Sabaʾ 34:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह चीज़ न तुम्हारे धन है और न तुम्हारी सन्तान, जो तुम्हें हमसे निकट कर दे। अलबता, जो कोई ईमान लाया और उसने अच्छा कर्म किया, तो ऐसे ही लोग है जिनके लिए उसका कई गुना बदला है, जो उन्होंने किया। और वे ऊपरी मंजिल के कक्षों में निश्चिन्तता-पूर्वक रहेंगे
English Sahih:
And it is not your wealth or your children that bring you nearer to Us in position, but it is [by being] one who has believed and done righteousness. For them there will be the double reward for what they did, and they will be in the upper chambers [of Paradise], safe [and secure]. ([34] Saba : 37)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और (याद रखो) तुम्हारे माल और तुम्हारी औलाद की ये हस्ती नहीं कि तुम को हमारी बारगाह में मुक़र्रिब बना दें मगर (हाँ) जिसने ईमान कुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए उन लोगों के लिए तो उनकी कारगुज़ारियों की दोहरी जज़ा है और वह लोग (बेहश्त के) झरोखों में इत्मेनान से रहेंगे