جَنّٰتُ عَدْنٍ يَّدْخُلُوْنَهَا يُحَلَّوْنَ فِيْهَا مِنْ اَسَاوِرَ مِنْ ذَهَبٍ وَّلُؤْلُؤًا ۚوَلِبَاسُهُمْ فِيْهَا حَرِيْرٌ ( فاطر: ٣٣ )
Gardens
جَنَّٰتُ
बाग़ात हैं
(of) Eternity
عَدْنٍ
हमेशगी के
they will enter them
يَدْخُلُونَهَا
वो दाख़िल होंगे उनमें
They will be adorned
يُحَلَّوْنَ
वो पहनाए जाऐंगे
therein
فِيهَا
उनमें
with
مِنْ
कंगनों में से
bracelets
أَسَاوِرَ
कंगनों में से
of
مِن
सोने के
gold
ذَهَبٍ
सोने के
and pearls
وَلُؤْلُؤًاۖ
और मोती
and their garments
وَلِبَاسُهُمْ
और लिबास उनका
therein
فِيهَا
उनमें
(will be of) silk
حَرِيرٌ
रेशम होगा
Jannatu 'adnin yadkhuloonaha yuhallawna feeha min asawira min thahabin waluluan walibasuhum feeha hareerun (Fāṭir 35:33)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
सदैव रहने के बाग है, जिनमें वे प्रवेश करेंगे। वहाँ उन्हें सोने के कंगनों और मोती से आभूषित किया जाएगा। और वहाँ उनका वस्त्र रेशम होगा
English Sahih:
[For them are] gardens of perpetual residence which they will enter. They will be adorned therein with bracelets of gold and pearls, and their garments therein will be silk. ([35] Fatir : 33)