وَلَوْ يُؤَاخِذُ اللّٰهُ النَّاسَ بِمَا كَسَبُوْا مَا تَرَكَ عَلٰى ظَهْرِهَا مِنْ دَاۤبَّةٍ وَّلٰكِنْ يُّؤَخِّرُهُمْ اِلٰٓى اَجَلٍ مُّسَمًّىۚ فَاِذَا جَاۤءَ اَجَلُهُمْ فَاِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِعِبَادِهٖ بَصِيْرًا ࣖ ( فاطر: ٤٥ )
Walaw yuakhithu Allahu alnnasa bima kasaboo ma taraka 'ala thahriha min dabbatin walakin yuakhkhiruhum ila ajalin musamman faitha jaa ajaluhum fainna Allaha kana bi'ibadihi baseeran (Fāṭir 35:45)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
यदि अल्लाह लोगों को उनकी कमाई के कारण पकड़ने पर आ जाए तो इस धरती की पीठ पर किसी जीवधारी को भी न छोड़े। किन्तु वह उन्हें एक नियत समय तक ढील देता है, फिर जब उनका नियत समय आ जाता है तो निश्चय ही अल्लाह तो अपने बन्दों को देख ही रहा है
English Sahih:
And if Allah were to impose blame on the people for what they have earned, He would not leave upon it [i.e., the earth] any creature. But He defers them for a specified term. And when their time comes, then indeed Allah has ever been, of His servants, Seeing. ([35] Fatir : 45)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और अगर (कहीं) खुदा लोगों की करतूतों की गिरफ्त करता तो (जैसी उनकी करनी है) रूए ज़मीन पर किसी जानवर को बाक़ी न छोड़ता मगर वह तो एक मुक़र्रर मियाद तक लोगों को मोहलत देता है (कि जो करना हो कर लो) फिर जब उनका (वह) वक्त अा जाएगा तो खुदा यक़ीनी तौर पर अपने बन्दों (के हाल) को देख रहा है (जो जैसा करेगा वैसा पाएगा)