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قَالُوْا طَاۤىِٕرُكُمْ مَّعَكُمْۗ اَىِٕنْ ذُكِّرْتُمْۗ بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ مُّسْرِفُوْنَ   ( يس: ١٩ )

They said
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
"Your evil omen
طَٰٓئِرُكُم
नहूसत तुम्हारी
(be) with you!
مَّعَكُمْۚ
साथ है तुम्हारे
Is it because
أَئِن
क्या (इस लिए कि)
you are admonished?
ذُكِّرْتُمۚ
नसीहत किए गए तुम
Nay
بَلْ
बल्कि
you
أَنتُمْ
तुम
(are) a people
قَوْمٌ
लोग हो
transgressing"
مُّسْرِفُونَ
हद से बढ़े हुए

Qaloo tairukum ma'akum ain thukkirtum bal antum qawmun musrifoona (Yāʾ Sīn 36:19)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने कहा, 'तुम्हारा अवशकुन तो तुम्हारे अपने ही साथ है। क्या यदि तुम्हें याददिहानी कराई जाए (तो यह कोई क्रुद्ध होने की बात है)? नहीं, बल्कि तुम मर्यादाहीन लोग हो।'

English Sahih:

They said, "Your omen [i.e., fate] is with yourselves. Is it because you were reminded? Rather, you are a transgressing people." ([36] Ya-Sin : 19)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

पैग़म्बरों ने कहा कि तुम्हारी बद शुगूनी (तुम्हारी करनी से) तुम्हारे साथ है क्या जब नसीहत की जाती है (तो तुम उसे बदफ़ाली कहते हो नहीं) बल्कि तुम खुद (अपनी) हद से बढ़ गए हो