وَاذْكُرْ عِبٰدَنَآ اِبْرٰهِيْمَ وَاِسْحٰقَ وَيَعْقُوْبَ اُولِى الْاَيْدِيْ وَالْاَبْصَارِ ( ص: ٤٥ )
And remember
وَٱذْكُرْ
और ज़िक्र करो
Our slaves
عِبَٰدَنَآ
हमारे बन्दों
Ibrahim
إِبْرَٰهِيمَ
इब्राहीम
and Ishaq
وَإِسْحَٰقَ
और इस्हाक़
and Ya'qub
وَيَعْقُوبَ
और याक़ूब का
possessors
أُو۟لِى
जो हाथों वाले
(of) strength
ٱلْأَيْدِى
जो हाथों वाले
and vision
وَٱلْأَبْصَٰرِ
और आँखों वाले थे
Waothkur 'ibadana ibraheema waishaqa waya'qooba olee alaydee waalabsari (Ṣād 38:45)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
हमारे बन्दों, इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को भी याद करो, जो हाथों (शक्ति) और निगाहोंवाले (ज्ञान-चक्षुवाले) थे
English Sahih:
And remember Our servants, Abraham, Isaac and Jacob – those of strength and [religious] vision. ([38] Sad : 45)