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فَاِذَا سَوَّيْتُهٗ وَنَفَخْتُ فِيْهِ مِنْ رُّوْحِيْ فَقَعُوْا لَهٗ سٰجِدِيْنَ  ( ص: ٧٢ )

So when
فَإِذَا
फिर जब
I have proportioned him
سَوَّيْتُهُۥ
दुरुस्त कर दूँ मैं उसे
and breathed
وَنَفَخْتُ
और फूँक दूँ मैं
into him
فِيهِ
उसमें
of
مِن
अपनी रूह से
My spirit
رُّوحِى
अपनी रूह से
then fall down
فَقَعُوا۟
तो गिर पड़ना
to him
لَهُۥ
उसके लिए
prostrating"
سَٰجِدِينَ
सजदा करते हुए

Faitha sawwaytuhu wanafakhtu feehi min roohee faqa'oo lahu sajideena (Ṣād 38:72)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

तो जब मैं उसको ठीक-ठाक कर दूँ औऱ उसमें अपनी रूह फूँक दूँ, तो तुम उसके आगे सजदे में गिर जाना।'

English Sahih:

So when I have proportioned him and breathed into him of My [created] soul, then fall down to him in prostration." ([38] Sad : 72)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो जब मैं उसको दुरूस्त कर लूँ और इसमें अपनी (पैदा) की हुई रूह फूँक दो तो तुम सब के सब उसके सामने सजदे में गिर पड़ना