اَلَا لِلّٰهِ الدِّيْنُ الْخَالِصُ ۗوَالَّذِيْنَ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖٓ اَوْلِيَاۤءَۘ مَا نَعْبُدُهُمْ اِلَّا لِيُقَرِّبُوْنَآ اِلَى اللّٰهِ زُلْفٰىۗ اِنَّ اللّٰهَ يَحْكُمُ بَيْنَهُمْ فِيْ مَا هُمْ فِيْهِ يَخْتَلِفُوْنَ ەۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِيْ مَنْ هُوَ كٰذِبٌ كَفَّارٌ ( الزمر: ٣ )
Ala lillahi alddeenu alkhalisu waallatheena ittakhathoo min doonihi awliyaa ma na'buduhum illa liyuqarriboona ila Allahi zulfa inna Allaha yahkumu baynahum fee ma hum feehi yakhtalifoona inna Allaha la yahdee man huwa kathibun kaffarun (az-Zumar 39:3)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जान रखो कि विशुद्ध धर्म अल्लाह ही के लिए है। रहे वे लोग जिन्होंने उससे हटकर दूसरे समर्थक औऱ संरक्षक बना रखे है (कहते है,) 'हम तो उनकी बन्दगी इसी लिए करते है कि वे हमें अल्लाह का सामीप्य प्राप्त करा दें।' निश्चय ही अल्लाह उनके बीच उस बात का फ़ैसला कर देगा जिसमें वे विभेद कर रहे है। अल्लाह उसे मार्ग नहीं दिखाता जो झूठा और बड़ा अकृतज्ञ हो
English Sahih:
Unquestionably, for Allah is the pure religion. And those who take protectors besides Him [say], "We only worship them that they may bring us nearer to Allah in position." Indeed, Allah will judge between them concerning that over which they differ. Indeed, Allah does not guide he who is a liar and [confirmed] disbeliever. ([39] Az-Zumar : 3)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
आगाह रहो कि इबादत तो ख़ास खुदा ही के लिए है और जिन लोगों ने खुदा के सिवा (औरों को अपना) सरपरस्त बना रखा है और कहते हैं कि हम तो उनकी परसतिश सिर्फ़ इसलिए करते हैं कि ये लोग खुदा की बारगाह में हमारा तक़र्रब बढ़ा देगें इसमें शक नहीं कि जिस बात में ये लोग झगड़ते हैं (क़यामत के दिन) खुदा उनके दरमियान इसमें फैसला कर देगा बेशक खुदा झूठे नाशुक्रे को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता