اَمِ اتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ شُفَعَاۤءَۗ قُلْ اَوَلَوْ كَانُوْا لَا يَمْلِكُوْنَ شَيْـًٔا وَّلَا يَعْقِلُوْنَ ( الزمر: ٤٣ )
Or
أَمِ
क्या
have they taken
ٱتَّخَذُوا۟
उन्होंने बना रखे हैं
besides
مِن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
intercessors?
شُفَعَآءَۚ
कुछ सिफ़ारिशी
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Even though
أَوَلَوْ
क्या भला अगर
they were
كَانُوا۟
हों वो
not
لَا
ना वो मिल्कियत रखते
possessing
يَمْلِكُونَ
ना वो मिल्कियत रखते
anything
شَيْـًٔا
किसी चीज़ की
and not
وَلَا
और ना
they understand?"
يَعْقِلُونَ
वो अक़्ल रखते
Ami ittakhathoo min dooni Allahi shufa'aa qul awalaw kanoo la yamlikoona shayan wala ya'qiloona (az-Zumar 39:43)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(क्या उनके उपास्य प्रभुता में साझीदार है) या उन्होंने अल्लाह से हटकर दूसरों को सिफ़ारिशी बना रखा है? कहो, 'क्या यद्यपि वे किसी चीज़ का अधिकार न रखते हों और न कुछ समझते ही हो तब भी?'
English Sahih:
Or have they taken other than Allah as intercessors? Say, "Even though they do not possess [power over] anything, nor do they reason?" ([39] Az-Zumar : 43)