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تِلْكَ حُدُوْدُ اللّٰهِ ۗ وَمَنْ يُّطِعِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ يُدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَا ۗ وَذٰلِكَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ   ( النساء: ١٣ )

These
تِلْكَ
ये
(are the) limits
حُدُودُ
हुदूद हैं
(of) Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह की
and whoever
وَمَن
और जो कोई
obeys
يُطِعِ
इताअत करेगा
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
He will admit him
يُدْخِلْهُ
वो दाख़िल करेगा उसे
(to) Gardens
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
flows
تَجْرِى
बहती हैं
from
مِن
उनके नीचे से
underneath them
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
the rivers -
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
(will) abide forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
in it
فِيهَاۚ
उनमें
And that
وَذَٰلِكَ
और ये है
(is) the success
ٱلْفَوْزُ
कामयाबी
[the] great
ٱلْعَظِيمُ
बहुत बड़ी

Tilka hudoodu Allahi waman yuti'i Allaha warasoolahu yudkhilhu jannatin tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha wathalika alfawzu al'atheemu (an-Nisāʾ 4:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ये अल्लाह की निश्चित की हुई सीमाएँ है। जो कोई अल्लाह और उसके रसूल के आदेशों का पालन करेगा, उसे अल्लाह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। उनमें वह सदैव रहेगा और यही बड़ी सफलता है

English Sahih:

These are the limits [set by] Allah, and whoever obeys Allah and His Messenger will be admitted by Him to gardens [in Paradise] under which rivers flow, abiding eternally therein; and that is the great attainment. ([4] An-Nisa : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यह ख़ुदा की (मुक़र्रर की हुई) हदें हैं और ख़ुदा और रसूल की इताअत करे उसको ख़ुदा आख़ेरत में ऐसे (हर भरे) बाग़ों में पहुंचा देगा जिसके नीचे नहरें जारी होंगी और वह उनमें हमेशा (चैन से) रहेंगे और यही तो बड़ी कामयाबी है