Skip to main content

اِنَّ اللّٰهَ لَا يَغْفِرُ اَنْ يُّشْرَكَ بِهٖ وَيَغْفِرُ مَا دُوْنَ ذٰلِكَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ ۚ وَمَنْ يُّشْرِكْ بِاللّٰهِ فَقَدِ افْتَرٰٓى اِثْمًا عَظِيْمًا   ( النساء: ٤٨ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं बख़्शेगा
forgive
يَغْفِرُ
नहीं बख़्शेगा
that
أَن
कि
partners be associated
يُشْرَكَ
शिर्क किया जाए
with Him
بِهِۦ
साथ उसके
but He forgives
وَيَغْفِرُ
और वो बख़्श देगा
from
مَا
जो
other than
دُونَ
अलावा है
that
ذَٰلِكَ
उसके
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُۚ
वो चाहेगा
And whoever
وَمَن
और जो कोई
associates partners
يُشْرِكْ
शिर्क करेगा
with Allah
بِٱللَّهِ
साथ अल्लाह के
then surely
فَقَدِ
तो तहक़ीक़
he has fabricated
ٱفْتَرَىٰٓ
उसने गढ़ लिया
a sin
إِثْمًا
गुनाह
tremendous
عَظِيمًا
बहुत बड़ा

Inna Allaha la yaghfiru an yushraka bihi wayaghfiru ma doona thalika liman yashao waman yushrik biAllahi faqadi iftara ithman 'atheeman (an-Nisāʾ 4:48)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह इसके क्षमा नहीं करेगा कि उसका साझी ठहराया जाए। किन्तु उससे नीचे दर्जे के अपराध को जिसके लिए चाहेगा, क्षमा कर देगा और जिस किसी ने अल्लाह का साझी ठहराया, तो उसने एक बड़ा झूठ घड़ लिया

English Sahih:

Indeed, Allah does not forgive association with Him, but He forgives what is less than that for whom He wills. And he who associates others with Allah has certainly fabricated a tremendous sin. ([4] An-Nisa : 48)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा का हुक्म किया कराया हुआ काम समझो ख़ुदा उस जुर्म को तो अलबत्ता नहीं माफ़ करता कि उसके साथ शिर्क किया जाए हॉ उसके सिवा जो गुनाह हो जिसको चाहे माफ़ कर दे और जिसने (किसी को) ख़ुदा का शरीक बनाया तो उसने बड़े गुनाह का तूफान बॉधा