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قَالُوْا رَبَّنَآ اَمَتَّنَا اثْنَتَيْنِ وَاَحْيَيْتَنَا اثْنَتَيْنِ فَاعْتَرَفْنَا بِذُنُوْبِنَا فَهَلْ اِلٰى خُرُوْجٍ مِّنْ سَبِيْلٍ  ( غافر: ١١ )

They (will) say
قَالُوا۟
वो कहेंगे
"Our Lord!
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
You gave us death
أَمَتَّنَا
मौत दी तू ने हमें
twice
ٱثْنَتَيْنِ
दो बार
and You gave us life
وَأَحْيَيْتَنَا
और ज़िन्दगी बख़्शी तू ने हमें
twice
ٱثْنَتَيْنِ
दो बार
and we confess
فَٱعْتَرَفْنَا
तो एतराफ़ कर लिया हमने
our sins
بِذُنُوبِنَا
अपने गुनाहों का
So is (there)
فَهَلْ
तो क्या है
to
إِلَىٰ
तरफ़ निकलने के
get out
خُرُوجٍ
तरफ़ निकलने के
any
مِّن
कोई रास्ता
way?"
سَبِيلٍ
कोई रास्ता

Qaloo rabbana amattana ithnatayni waahyaytana ithnatayni fai'tarafna bithunoobina fahal ila khuroojin min sabeelin (Ghāfir 40:11)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे कहेंगे, 'ऐ हमारे रब! तूने हमें दो बार मृत रखा और दो बार जीवन प्रदान किया। अब हमने अपने गुनाहों को स्वीकार किया, तो क्या अब (यहाँ से) निकलने का भी कोई मार्ग है?'

English Sahih:

They will say, "Our Lord, You made us lifeless twice and gave us life twice, and we have confessed our sins. So is there to an exit any way?" ([40] Ghafir : 11)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह लोग कहेंगे कि ऐ हमारे परवरदिगार तू हमको दो बार मार चुका और दो बार ज़िन्दा कर चुका तो अब हम अपने गुनाहों का एक़रार करते हैं तो क्या (यहाँ से) निकलने की भी कोई सबील है