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لَا جَرَمَ اَنَّمَا تَدْعُوْنَنِيْٓ اِلَيْهِ لَيْسَ لَهٗ دَعْوَةٌ فِى الدُّنْيَا وَلَا فِى الْاٰخِرَةِ وَاَنَّ مَرَدَّنَآ اِلَى اللّٰهِ وَاَنَّ الْمُسْرِفِيْنَ هُمْ اَصْحٰبُ النَّارِ  ( غافر: ٤٣ )

No
لَا
नहीं कोई शक
doubt
جَرَمَ
नहीं कोई शक
that what
أَنَّمَا
बेशक
you call me
تَدْعُونَنِىٓ
तुम बुलाते हो मुझे
to it
إِلَيْهِ
जिसकी तरफ़
not
لَيْسَ
नहीं है
for it
لَهُۥ
उसके लिए
a claim
دَعْوَةٌ
कोई पुकारा जाना
in
فِى
दुनिया में
the world
ٱلدُّنْيَا
दुनिया में
and not
وَلَا
और ना
in
فِى
आख़िरत में
the Hereafter;
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत में
and that
وَأَنَّ
और बेशक
our return
مَرَدَّنَآ
पलटना हमारा
(is) to
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के है
Allah
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के है
and that
وَأَنَّ
और बेशक
the transgressors -
ٱلْمُسْرِفِينَ
जो हद से बढ़ने वाले हैं
they
هُمْ
वो ही हैं
(will be the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire
ٱلنَّارِ
आग के

La jarama annama tad'oonanee ilayhi laysa lahu da'watun fee alddunya wala fee alakhirati waanna maraddana ila Allahi waanna almusrifeena hum ashabu alnnari (Ghāfir 40:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह तुम मुझे जिसकी ओर बुलाते हो उसके लिए न संसार में आमंत्रण है और न आख़िरत (परलोक) में और यह की हमें लौटना भी अल्लाह ही की ओर है और यह कि जो मर्यादाही है, वही आग (में पड़नेवाले) वाले है

English Sahih:

Assuredly, that to which you invite me has no [response to a] supplication in this world or in the Hereafter; and indeed, our return is to Allah, and indeed, the transgressors will be companions of the Fire. ([40] Ghafir : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक तुम जिस चीज़ की तरफ़ मुझे बुलाते हो वह न तो दुनिया ही में पुकारे जाने के क़ाबिल है और न आख़िरत में और आख़िर में हम सबको ख़ुदा ही की तरफ लौट कर जाना है और इसमें तो शक ही नहीं कि हद से बढ़ जाने वाले जहन्नुमी हैं