۞ قُلْ اِنِّيْ نُهِيْتُ اَنْ اَعْبُدَ الَّذِيْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ لَمَّا جَاۤءَنِيَ الْبَيِّنٰتُ مِنْ رَّبِّيْ وَاُمِرْتُ اَنْ اُسْلِمَ لِرَبِّ الْعٰلَمِيْنَ ( غافر: ٦٦ )
Qul innee nuheetu an a'buda allatheena tad'oona min dooni Allahi lamma jaaniya albayyinatu min rabbee waomirtu an oslima lirabbi al'alameena (Ghāfir 40:66)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कह दो, 'मुझे इससे रोक दिया गया है कि मैं उनकी बन्दगी करूँ जिन्हें अल्लाह से हटकर पुकारते हो, जबकि मेरे पास मेरे रब की ओर से खुले प्रमाण आ चुके है। मुझे तो हुक्म हुआ है कि मैं सारे संसार के रब के आगे नतमस्तक हो जाऊँ।' -
English Sahih:
Say, [O Muhammad], "Indeed, I have been forbidden to worship those you call upon besides Allah once the clear proofs have come to me from my Lord, and I have been commanded to submit to the Lord of the worlds." ([40] Ghafir : 66)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि जब मेरे पास मेरे परवरदिगार की बारगाह से खुले हुए मौजिज़े आ चुके तो मुझे इस बात की मनाही कर दी गयी है कि ख़ुदा को छोड़ कर जिनको तुम पूजते हो मैं उनकी परसतिश करूँ और मुझे तो यह हुक्म हो चुका है कि मैं सारे जहाँन के पालने वाले का फरमाबरदार बनु