Skip to main content

وَالَّذِيْنَ يُحَاۤجُّوْنَ فِى اللّٰهِ مِنْۢ بَعْدِ مَا اسْتُجِيْبَ لَهٗ حُجَّتُهُمْ دَاحِضَةٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَعَلَيْهِمْ غَضَبٌ وَّلَهُمْ عَذَابٌ شَدِيْدٌ   ( الشورى: ١٦ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
argue
يُحَآجُّونَ
झगड़ते हैं
concerning
فِى
अल्लाह के बारे में
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के बारे में
after
مِنۢ
बाद उसके
after
بَعْدِ
बाद उसके
[what]
مَا
जो
response has been made to Him
ٱسْتُجِيبَ
क़ुबूल कर लिया गया
response has been made to Him
لَهُۥ
उसी के लिए
their argument
حُجَّتُهُمْ
हुज्जत /दलील उनकी
(is) invalid
دَاحِضَةٌ
ज़ायल होने वाली है
with
عِندَ
नज़दीक
their Lord
رَبِّهِمْ
उनके रब के
and upon them
وَعَلَيْهِمْ
और उन पर
(is) wrath
غَضَبٌ
ग़ज़ब है
and for them
وَلَهُمْ
और उनके लिए
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
severe
شَدِيدٌ
सख़्त

Waallatheena yuhajjoona fee Allahi min ba'di ma istujeeba lahu hujjatuhum dahidatun 'inda rabbihim wa'alayhim ghadabun walahum 'athabun shadeedun (aš-Šūrā 42:16)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जो लोग अल्लाह के विषय में झगड़ते है, इसके पश्चात कि उसकी पुकार स्वीकार कर ली गई, उनका झगड़ना उनके रब की स्पष्ट में बिलकुल न ठहरनेवाला (असत्य) है। प्रकोप है उनपर और उनके लिए कड़ी यातना है

English Sahih:

And those who argue concerning Allah after He has been responded to – their argument is invalid with their Lord, and upon them is [His] wrath, and for them is a severe punishment. ([42] Ash-Shuraa : 16)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और उसी की तरफ लौट कर जाना है और जो लोग उसके मान लिए जाने के बाद ख़ुदा के बारे में (ख्वाहमख्वाह) झगड़ा करते हैं उनके परवरदिगार के नज़दीक उनकी दलील लग़ो बातिल है और उन पर (ख़ुदा का) ग़ज़ब और उनके लिए सख्त अज़ाब है