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هَلْ يَنْظُرُوْنَ اِلَّا السَّاعَةَ اَنْ تَأْتِيَهُمْ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا يَشْعُرُوْنَ   ( الزخرف: ٦٦ )

Are
هَلْ
नहीं
they waiting
يَنظُرُونَ
वो इन्तज़ार करते
except
إِلَّا
मगर
(for) the Hour
ٱلسَّاعَةَ
क़यामत का
that
أَن
कि
it should come on them
تَأْتِيَهُم
वो आ जाए उनके पास
suddenly
بَغْتَةً
अचानक
while they
وَهُمْ
और वो
(do) not
لَا
ना वो शऊर रखते हों
perceive?
يَشْعُرُونَ
ना वो शऊर रखते हों

Hal yanthuroona illa alssa'ata an tatiyahum baghtatan wahum la yash'uroona (az-Zukhruf 43:66)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या वे बस उस (क़ियामत की) घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे है कि वह सहसा उनपर आ पड़े और उन्हें ख़बर भी न हो

English Sahih:

Are they waiting except for the Hour to come upon them suddenly while they perceive not? ([43] Az-Zukhruf : 66)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या ये लोग बस क़यामत के ही मुन्ज़िर बैठे हैं कि अचानक ही उन पर आ जाए और उन को ख़बर तक न हो