قَالَ اِنَّمَا الْعِلْمُ عِنْدَ اللّٰهِ ۖوَاُبَلِّغُكُمْ مَّآ اُرْسِلْتُ بِهٖ وَلٰكِنِّيْٓ اَرٰىكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُوْنَ ( الأحقاف: ٢٣ )
He said
قَالَ
उसने कहा
"Only
إِنَّمَا
बेशक
the knowledge
ٱلْعِلْمُ
इल्म
(is) with Allah
عِندَ
पास है
(is) with Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के
and I convey to you
وَأُبَلِّغُكُم
और मैं पहुँचाता हूँ तुम्हें
what
مَّآ
वो जो
I am sent
أُرْسِلْتُ
भेजा गया मैं
with it
بِهِۦ
साथ उसके
but
وَلَٰكِنِّىٓ
और लेकिन मैं
I see you
أَرَىٰكُمْ
मैं देखता हूँ तुम्हें
a people
قَوْمًا
ऐसे लोग
ignorant"
تَجْهَلُونَ
तुम जिहालत बरतते हो
Qala innama al'ilmu 'inda Allahi waoballighukum ma orsiltu bihi walakinnee arakum qawman tajhaloona (al-ʾAḥq̈āf 46:23)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उसने कहा, 'ज्ञान तो अल्लाह ही के पास है (कि वह कब यातना लाएगा) । और मैं तो तुम्हें वह संदेश पहुँचा रहा हूँ जो मुझे देकर भेजा गया है। किन्तु मैं तुम्हें देख रहा हूँ कि तुम अज्ञानता से काम ले रहे हो।'
English Sahih:
He said, "Knowledge [of its time] is only with Allah, and I convey to you that with which I was sent; but I see you [to be] a people behaving ignorantly." ([46] Al-Ahqaf : 23)