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ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَالُوْا لِلَّذِيْنَ كَرِهُوْا مَا نَزَّلَ اللّٰهُ سَنُطِيْعُكُمْ فِيْ بَعْضِ الْاَمْرِۚ وَاللّٰهُ يَعْلَمُ اِسْرَارَهُمْ   ( محمد: ٢٦ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is) because they
بِأَنَّهُمْ
बवजह उसके कि वो
[they] said
قَالُوا۟
वो कहते हैं
to those who
لِلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
hate
كَرِهُوا۟
नापसंद किया
what
مَا
उस चीज़ को जो
Allah has revealed
نَزَّلَ
नाज़िल की
Allah has revealed
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
"We will obey you
سَنُطِيعُكُمْ
अनक़रीब हम इताअत करेंगे तुम्हारी
in
فِى
बाज़ कामों में
part
بَعْضِ
बाज़ कामों में
(of) the matter"
ٱلْأَمْرِۖ
बाज़ कामों में
But Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
knows
يَعْلَمُ
वो जानता है
their secrets
إِسْرَارَهُمْ
राज़ उनके

Thalika biannahum qaloo lillatheena karihoo ma nazzala Allahu sanutee'ukum fee ba'di alamri waAllahu ya'lamu israrahum (Muḥammad 47:26)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यह इसलिए कि उन्होंने उन लोगों से, जिन्होंने उस चीज़ को नापसन्द किया जो कुछ अल्लाह ने उतारा है, कहा कि 'हम कुछ मामलों में तुम्हारी बात मान लेंगे।' अल्लाह उनकी गुप्त बातों को भली-भाँति जानता है

English Sahih:

That is because they said to those who disliked what Allah sent down, "We will obey you in part of the matter." And Allah knows what they conceal. ([47] Muhammad : 26)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यह इसलिए जो लोग ख़ुदा की नाज़िल की हुई(किताब) से बेज़ार हैं ये उनसे कहते हैं कि बाज़ कामों में हम तुम्हारी ही बात मानेंगे और ख़ुदा उनके पोशीदा मशवरों से वाक़िफ है