وَمَنْ لَّمْ يُؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ فَاِنَّآ اَعْتَدْنَا لِلْكٰفِرِيْنَ سَعِيْرًا ( الفتح: ١٣ )
And whoever
وَمَن
और जो कोई
(has) not believed
لَّمْ
ना
(has) not believed
يُؤْمِنۢ
वो ईमान लाया
in Allah
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
and His Messenger
وَرَسُولِهِۦ
और उसके रसूल पर
then indeed, We
فَإِنَّآ
तो बेशक हम
[We] have prepared
أَعْتَدْنَا
तैयार कर रखा है हमने
for the disbelievers
لِلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों के लिए
a Blazing Fire
سَعِيرًا
भड़कती हुई आग को
Waman lam yumin biAllahi warasoolihi fainna a'tadna lilkafireena sa'eeran (al-Fatḥ 48:13)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान न लाया, तो हमने भी इनकार करनेवालों के लिए भड़कती आग तैयार कर रखी है
English Sahih:
And whoever has not believed in Allah and His Messenger – then indeed, We have prepared for the disbelievers a Blaze. ([48] Al-Fath : 13)