فَبَعَثَ اللّٰهُ غُرَابًا يَّبْحَثُ فِى الْاَرْضِ لِيُرِيَهٗ كَيْفَ يُوَارِيْ سَوْءَةَ اَخِيْهِ ۗ قَالَ يٰوَيْلَتٰٓى اَعَجَزْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِثْلَ هٰذَا الْغُرَابِ فَاُوَارِيَ سَوْءَةَ اَخِيْۚ فَاَصْبَحَ مِنَ النّٰدِمِيْنَ ۛ ( المائدة: ٣١ )
Faba'atha Allahu ghuraban yabhathu fee alardi liyuriyahu kayfa yuwaree sawata akheehi qala ya waylata a'ajaztu an akoona mithla hatha alghurabi faowariya sawata akhee faasbaha mina alnnadimeena (al-Māʾidah 5:31)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तब अल्लाह ने एक कौआ भेजा जो भूमि कुरेदने लगा, ताकि उसे दिखा दे कि वह अपने भाई के शव को कैसे छिपाए। कहने लगा, 'अफ़सोस मुझ पर! क्या मैं इस कौए जैसा भी न हो सका कि अपने भाई का शव छिपा देता?' फिर वह लज्जित हुआ
English Sahih:
Then Allah sent a crow searching [i.e., scratching] in the ground to show him how to hide the disgrace of his brother. He said, "O woe to me! Have I failed to be like this crow and hide the disgrace [i.e., body] of my brother?" And he became of the regretful. ([5] Al-Ma'idah : 31)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(तब उसे फ़िक्र हुई कि लाश को क्या करे) तो ख़ुदा ने एक कौवे को भेजा कि वह ज़मीन को कुरेदने लगा ताकि उसे (क़ाबील) को दिखा दे कि उसे अपने भाई की लाश क्योंकर छुपानी चाहिए (ये देखकर) वह कहने लगा हाए अफ़सोस क्या मैं उस से भी आजिज़ हूं कि उस कौवे की बराबरी कर सकॅू कि (बला से यह भी होता) तो अपने भाई की लाश छुपा देता अलगरज़ वह (अपनी हरकत से) बहुत पछताया