اَمْ لِلْاِنْسَانِ مَا تَمَنّٰىۖ ( النجم: ٢٤ )
Or
أَمْ
क्या है
(is) for man
لِلْإِنسَٰنِ
इन्सान को
what
مَا
जो
he wishes?
تَمَنَّىٰ
वो तमन्ना करे
Am lilinsani ma tamanna (an-Najm 53:24)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
(क्या उनकी देवियाँ उन्हें लाभ पहुँचा सकती है) या मनुष्य वह कुछ पा लेगा, जिसकी वह कामना करता है?
English Sahih:
Or is there for man whatever he wishes? ([53] An-Najm : 24)