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اِنَّ الْمُجْرِمِيْنَ فِيْ ضَلٰلٍ وَّسُعُرٍۘ   ( القمر: ٤٧ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
the criminals
ٱلْمُجْرِمِينَ
मुजरिम लोग
(are) in
فِى
गुमराही में हैं
an error
ضَلَٰلٍ
गुमराही में हैं
and madness
وَسُعُرٍ
और जुनून में

Inna almujrimeena fee dalalin wasu'urin (al-Q̈amar 54:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निस्संदेह, अपराधी लोग गुमराही और दीवानेपन में पड़े हुए है

English Sahih:

Indeed, the criminals are in error and madness.. ([54] Al-Qamar : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक गुनाहगार लोग गुमराही और दीवानगी में (मुब्तिला) हैं