وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرُسُلِهٖٓ اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الصِّدِّيْقُوْنَ ۖوَالشُّهَدَاۤءُ عِنْدَ رَبِّهِمْۗ لَهُمْ اَجْرُهُمْ وَنُوْرُهُمْۗ وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا وَكَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَآ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَحِيْمِ ࣖ ( الحديد: ١٩ )
Waallatheena amanoo biAllahi warusulihi olaika humu alssiddeeqoona waalshshuhadao 'inda rabbihim lahum ajruhum wanooruhum waallatheena kafaroo wakaththaboo biayatina olaika ashabu aljaheemi (al-Ḥadīd 57:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जो लोग अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए, वही अपने रब के यहाण सिद्दीक और शहीद है। उनके लिए उनका प्रतिदान और उनका प्रकाश है। किन्तु जिन लोगों ने इनकार किया और हमारी आयतों को झुठलाया, वही भड़कती आगवाले हैं
English Sahih:
And those who have believed in Allah and His messengers – those are [in the ranks of] the supporters of truth and the martyrs, with their Lord. For them is their reward and their light. But those who have disbelieved and denied Our verses – those are the companions of Hellfire. ([57] Al-Hadid : 19)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जो लोग ख़ुदा और उसके रसूलों पर ईमान लाए यही लोग अपने परवरदिगार के नज़दीक सिद्दीक़ों और शहीदों के दरजे में होंगे उनके लिए उन्ही (सिद्दीकों और शहीदों) का अज्र और उन्हीं का नूर होगा और जिन लोगों ने कुफ्र किया और हमारी आयतों को झुठलाया वही लोग जहन्नुमी हैं