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۞ اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْنَ تَوَلَّوْا قَوْمًا غَضِبَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْۗ مَا هُمْ مِّنْكُمْ وَلَا مِنْهُمْۙ وَيَحْلِفُوْنَ عَلَى الْكَذِبِ وَهُمْ يَعْلَمُوْنَ   ( المجادلة: ١٤ )

Do not
أَلَمْ
क्या नहीं
you see
تَرَ
आप ने देखा
[to]
إِلَى
तरफ़
those who
ٱلَّذِينَ
उन लोगों के जिन्होंने
take as allies
تَوَلَّوْا۟
दोस्त बनाया
a people
قَوْمًا
एक क़ौम को
wrath
غَضِبَ
ग़ज़बनाक हुआ
(of) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
(is) upon them?
عَلَيْهِم
उन पर
They (are) not
مَّا
नहीं
They (are) not
هُم
वो
of you
مِّنكُمْ
तुम में से
and not
وَلَا
और ना
of them
مِنْهُمْ
उनमें से
and they swear
وَيَحْلِفُونَ
और वो क़समें खाते हैं
to
عَلَى
झूठ पर
the lie
ٱلْكَذِبِ
झूठ पर
while they
وَهُمْ
हालाँकि वो
know
يَعْلَمُونَ
वो जानते हैं

Alam tara ila allatheena tawallaw qawman ghadiba Allahu 'alayhim ma hum minkum wala minhum wayahlifoona 'ala alkathibi wahum ya'lamoona (al-Mujādilah 58:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने ऐसे लोगों को मित्र बनाया जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ है? वे न तुममें से है और न उनमें से। और वे जानते-बूझते झूठी बात पर क़सम खाते है

English Sahih:

Have you not considered those who make allies of a people with whom Allah has become angry? They are neither of you nor of them, and they swear to untruth while they know [they are lying]. ([58] Al-Mujadila : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या तुमने उन लोगों की हालत पर ग़ौर नहीं किया जो उन लोगों से दोस्ती करते हैं जिन पर ख़ुदा ने ग़ज़ब ढाया है तो अब वह न तुम मे हैं और न उनमें ये लोग जानबूझ कर झूठी बातो पर क़समें खाते हैं और वह जानते हैं