Skip to main content

لِلْفُقَرَاۤءِ الْمُهٰجِرِيْنَ الَّذِيْنَ اُخْرِجُوْا مِنْ دِيَارِهِمْ وَاَمْوَالِهِمْ يَبْتَغُوْنَ فَضْلًا مِّنَ اللّٰهِ وَرِضْوَانًا وَّيَنْصُرُوْنَ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ ۗ اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الصّٰدِقُوْنَۚ   ( الحشر: ٨ )

For the poor
لِلْفُقَرَآءِ
(माले फ़य)फ़ुक़रा के लिए है
emigrants
ٱلْمُهَٰجِرِينَ
जो मुहाजिर हैं
those who
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
were expelled
أُخْرِجُوا۟
निकाले गए
from
مِن
अपने घरों से
their homes
دِيَٰرِهِمْ
अपने घरों से
and their properties
وَأَمْوَٰلِهِمْ
और अपने मालों से
seeking
يَبْتَغُونَ
वो चाहते हैं
bounty
فَضْلًا
फ़ज़ल
from
مِّنَ
अल्लाह का
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
and pleasure
وَرِضْوَٰنًا
और रज़ामन्दी
and helping
وَيَنصُرُونَ
और वो मदद करते हैं
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and His Messenger
وَرَسُولَهُۥٓۚ
और उसके रसूल की
Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
they
هُمُ
वो
(are) the truthful
ٱلصَّٰدِقُونَ
जो सच्चे हैं

Lilfuqarai almuhajireena allatheena okhrijoo min diyarihim waamwalihim yabtaghoona fadlan mina Allahi waridwanan wayansuroona Allaha warasoolahu olaika humu alssadiqoona (al-Ḥašr 59:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह ग़रीब मुहाजिरों के लिए है, जो अपने घरों और अपने मालों से इस हालत में निकाल बाहर किए गए है कि वे अल्लाह का उदार अनुग्रह और उसकी प्रसन्नता की तलाश में है और अल्लाह और उसके रसूल की सहायता कर रहे है, और वही वास्तव में सच्चे है

English Sahih:

For the poor emigrants who were expelled from their homes and their properties, seeking bounty from Allah and [His] approval and supporting [the cause of] Allah and His Messenger, [there is also a share]. Those are the truthful. ([59] Al-Hashr : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(इस माल में) उन मुफलिस मुहाजिरों का हिस्सा भी है जो अपने घरों से और मालों से निकाले (और अलग किए) गए (और) ख़ुदा के फ़ज़ल व ख़ुशनूदी के तलबगार हैं और ख़ुदा की और उसके रसूल की मदद करते हैं यही लोग सच्चे ईमानदार हैं और (उनका भी हिस्सा है)