فَاِذَا قُضِيَتِ الصَّلٰوةُ فَانْتَشِرُوْا فِى الْاَرْضِ وَابْتَغُوْا مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ وَاذْكُرُوا اللّٰهَ كَثِيْرًا لَّعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ( الجمعة: ١٠ )
Then when
فَإِذَا
फिर जब
is concluded
قُضِيَتِ
पूरी हो जाए
the prayer
ٱلصَّلَوٰةُ
नमाज़
then disperse
فَٱنتَشِرُوا۟
तो फैल जाओ
in
فِى
ज़मीन में
the land
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
and seek
وَٱبْتَغُوا۟
और तलाश करो
from
مِن
अल्लाह के फ़ज़ल में से
(the) Bounty
فَضْلِ
अल्लाह के फ़ज़ल में से
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह के फ़ज़ल में से
and remember
وَٱذْكُرُوا۟
और ज़िक्र करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह का
much
كَثِيرًا
कसरत से
so that you may
لَّعَلَّكُمْ
ताकि तुम
succeed
تُفْلِحُونَ
तुम फ़लाह पा जाओ
Faitha qudiyati alssalatu faintashiroo fee alardi waibtaghoo min fadli Allahi waothkuroo Allaha katheeran la'allakum tuflihoona (al-Jumuʿah 62:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
फिर जब नमाज़ पूरी हो जाए तो धरती में फैल जाओ और अल्लाह का उदार अनुग्रह (रोजी) तलाश करो, और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करते रहो, ताकि तुम सफल हो। -
English Sahih:
And when the prayer has been concluded, disperse within the land and seek from the bounty of Allah, and remember Allah often that you may succeed. ([62] Al-Jumu'ah : 10)