يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ جَاهِدِ الْكُفَّارَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ وَاغْلُظْ عَلَيْهِمْۗ وَمَأْوٰىهُمْ جَهَنَّمُۗ وَبِئْسَ الْمَصِيْرُ ( التحريم: ٩ )
O!
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ
Prophet!
ٱلنَّبِىُّ
नबी
Strive
جَٰهِدِ
जिहाद कीजिए
(against) the disbelievers
ٱلْكُفَّارَ
काफ़िरों से
and the hypocrites
وَٱلْمُنَٰفِقِينَ
और मुनाफ़िक़ों से
and be stern
وَٱغْلُظْ
और सख़्ती कीजिए
with them
عَلَيْهِمْۚ
उन पर
And their abode
وَمَأْوَىٰهُمْ
और ठिकाना उनका
(is) Hell
جَهَنَّمُۖ
जहन्नम है
and wretched is
وَبِئْسَ
और कितनी बुरी है
the destination
ٱلْمَصِيرُ
लौटने की जगह
Ya ayyuha alnnabiyyu jahidi alkuffara waalmunafiqeena waoghluth 'alayhim wamawahum jahannamu wabisa almaseeru (at-Taḥrīm 66:9)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ नबी! इनकार करनेवालों और कपटाचारियों से जिहाद करो और उनके साथ सख़्ती से पेश आओ। उनका ठिकाना जहन्नम है और वह अन्ततः पहुँचने की बहुत बुरी जगह है
English Sahih:
O Prophet, strive against the disbelievers and the hypocrites and be harsh upon them. And their refuge is Hell, and wretched is the destination. ([66] At-Tahrim : 9)