لِنَجْعَلَهَا لَكُمْ تَذْكِرَةً وَّتَعِيَهَآ اُذُنٌ وَّاعِيَةٌ ( الحاقة: ١٢ )
That We might make it
لِنَجْعَلَهَا
ताकि हम बना दें उसे
for you
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
a reminder
تَذْكِرَةً
याददिहानी
and would be conscious of it
وَتَعِيَهَآ
और याद रखे उसे
an ear
أُذُنٌ
कान
conscious
وَٰعِيَةٌ
याद रखने वाला
Linaj'alaha lakum tathkiratan wata'iyaha othunun wa'iyatun (al-Ḥāq̈q̈ah 69:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ताकि उसे तुम्हारे लिए हम शिक्षाप्रद यादगार बनाएँ और याद रखनेवाले कान उसे सुरक्षित रखें
English Sahih:
That We might make it for you a reminder and [that] a conscious ear would be conscious of it. ([69] Al-Haqqah : 12)