اَوَلَمْ يَهْدِ لِلَّذِيْنَ يَرِثُوْنَ الْاَرْضَ مِنْۢ بَعْدِ اَهْلِهَآ اَنْ لَّوْ نَشَاۤءُ اَصَبْنٰهُمْ بِذُنُوْبِهِمْۚ وَنَطْبَعُ عَلٰى قُلُوْبِهِمْ فَهُمْ لَا يَسْمَعُوْنَ ( الأعراف: ١٠٠ )
Awalam yahdi lillatheena yarithoona alarda min ba'di ahliha an law nashao asabnahum bithunoobihim wanatba'u 'ala quloobihim fahum la yasma'oona (al-ʾAʿrāf 7:100)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या जो धरती के, उसके पूर्ववासियों के पश्चात उत्तराधिकारी हुए है, उनपर यह तथ्य प्रकट न हुआ कि यदि हम चाहें तो उनके गुनाहों पर उन्हें आ पकड़े? हम तो उनके दिलों पर मुहर लगा रहे हैं, क्योंकि वे कुछ भी नहीं सुनते
English Sahih:
Has it not become clear to those who inherited the earth after its [previous] people that if We willed, We could afflict them for their sins? But We seal over their hearts so they do not hear. ([7] Al-A'raf : 100)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
क्या जो लोग अहले ज़मीन के बाद ज़मीन के वारिस (व मालिक) होते हैं उन्हें ये मालूम नहीं कि अगर हम चाहते तो उनके गुनाहों की बदौलत उनको मुसीबत में फँसा देते (मगर ये लोग ऐसे नासमझ हैं कि गोया) उनके दिलों पर हम ख़ुद (मोहर कर देते हैं कि ये लोग कुछ सुनते ही नहीं