يَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ السَّاعَةِ اَيَّانَ مُرْسٰىهَاۗ قُلْ اِنَّمَا عِلْمُهَا عِنْدَ رَبِّيْۚ لَا يُجَلِّيْهَا لِوَقْتِهَآ اِلَّا هُوَۘ ثَقُلَتْ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ لَا تَأْتِيْكُمْ اِلَّا بَغْتَةً ۗيَسْـَٔلُوْنَكَ كَاَنَّكَ حَفِيٌّ عَنْهَاۗ قُلْ اِنَّمَا عِلْمُهَا عِنْدَ اللّٰهِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ( الأعراف: ١٨٧ )
Yasaloonaka 'ani alssa'ati ayyana mursaha qul innama 'ilmuha 'inda rabbee la yujalleeha liwaqtiha illa huwa thaqulat fee alssamawati waalardi la tateekum illa baghtatan yasaloonaka kaannaka hafiyyun 'anha qul innama 'ilmuha 'inda Allahi walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (al-ʾAʿrāf 7:187)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
तुमसे उस घड़ी (क़ियामत) के विषय में पूछते है कि वह कब आएगी? कह दो, 'उसका ज्ञान मेरे रब ही के पास है। अतः वही उसे उसके समय पर प्रकट करेगा। वह आकाशों और धरती में बोझिल हो गई है - बस अचानक ही वह तुमपर आ जाएगी।' वे तुमसे पूछते है मानो तुम उसके विषय में भली-भाँति जानते हो। कह दो, 'उसका ज्ञान तो बस अल्लाह ही के पास है - किन्तु अधिकांश लोग नहीं जानते।'
English Sahih:
They ask you, [O Muhammad], about the Hour: when is its arrival? Say, "Its knowledge is only with my Lord. None will reveal its time except Him. It lays heavily upon the heavens and the earth. It will not come upon you except unexpectedly." They ask you as if you are familiar with it. Say, "Its knowledge is only with Allah, but most of the people do not know." ([7] Al-A'raf : 187)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ रसूल) तुमसे लोग क़यामत के बारे में पूछा करते हैं कि कहीं उसका कोई वक्त भी तय है तुम कह दो कि उसका इल्म बस फक़त पररवदिगार ही को है वही उसके वक्त मुअय्यन पर उसको ज़ाहिर कर देगा। वह सारे आसमान व ज़मीन में एक कठिन वक्त होगा वह तुम्हारे पास पस अचानक आ जाएगी तुमसे लोग इस तरह पूछते हैं गोया तुम उनसे बखूबी वाक़िफ हो तुम (साफ) कह दो कि उसका इल्म बस ख़ुदा ही को है मगर बहुतेरे लोग नहीं जानते