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وَلِكُلِّ اُمَّةٍ اَجَلٌۚ فَاِذَا جَاۤءَ اَجَلُهُمْ لَا يَسْتَأْخِرُوْنَ سَاعَةً وَّلَا يَسْتَقْدِمُوْنَ   ( الأعراف: ٣٤ )

And for every
وَلِكُلِّ
और हर उम्मत के लिए
nation
أُمَّةٍ
और हर उम्मत के लिए
(is a fixed) term
أَجَلٌۖ
एक वक़्त मुक़र्रर है
So when
فَإِذَا
फिर जब
comes
جَآءَ
आ जाता है
their term
أَجَلُهُمْ
मुक़र्रर वक़्त उनका
(they can) not
لَا
नहीं वो पीछे हो सकते
seek to delay
يَسْتَأْخِرُونَ
नहीं वो पीछे हो सकते
an hour
سَاعَةًۖ
एक घड़ी
and not
وَلَا
और ना
seek to advance (it)
يَسْتَقْدِمُونَ
वो आगे बढ़ सकते हैं

Walikulli ommatin ajalun faitha jaa ajaluhum la yastakhiroona sa'atan wala yastaqdimoona (al-ʾAʿrāf 7:34)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

प्रत्येक समुदाय के लिए एक नियत अवधि है। फिर जब उसका नियत समय आ जाता है, तो एक घड़ी भर न पीछे हट सकते है और न आगे बढ़ सकते है

English Sahih:

And for every nation is a [specified] term. So when their time has come, they will not remain behind an hour, nor will they precede [it]. ([7] Al-A'raf : 34)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हर गिरोह (के न पैदा होने) का एक ख़ास वक्त है फिर जब उनका वक्त आ पहुंचता है तो न एक घड़ी पीछे रह सकते हैं और न आगे बढ़ सकते हैं