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يٰبَنِيْٓ اٰدَمَ اِمَّا يَأْتِيَنَّكُمْ رُسُلٌ مِّنْكُمْ يَقُصُّوْنَ عَلَيْكُمْ اٰيٰتِيْۙ فَمَنِ اتَّقٰى وَاَصْلَحَ فَلَا خَوْفٌ عَلَيْهِمْ وَلَا هُمْ يَحْزَنُوْنَ   ( الأعراف: ٣٥ )

O Children
يَٰبَنِىٓ
ऐ बनी आदम
(of) Adam!
ءَادَمَ
ऐ बनी आदम
If
إِمَّا
अगर
comes to you
يَأْتِيَنَّكُمْ
आ जाऐं तुम्हारे पास
Messengers
رُسُلٌ
रसूल
from you
مِّنكُمْ
तुम में से
relating
يَقُصُّونَ
जो बयान करते हों
to you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
My Verses
ءَايَٰتِىۙ
मेरी आयात
then whoever
فَمَنِ
तो जो कोई
fears Allah
ٱتَّقَىٰ
तक़वा करे
and reforms
وَأَصْلَحَ
और इस्लाह कर ले
then no
فَلَا
तो ना
fear
خَوْفٌ
कोई ख़ौफ़ होगा
on them
عَلَيْهِمْ
उन पर
and not
وَلَا
और ना
they
هُمْ
वो
will grieve
يَحْزَنُونَ
वो ग़मगीन होंगे

Ya banee adama imma yatiyannakum rusulun minkum yaqussoona 'alaykum ayatee famani ittaqa waaslaha fala khawfun 'alayhim wala hum yahzanoona (al-ʾAʿrāf 7:35)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ आदम की सन्तान! यदि तुम्हारे पास तुम्हीं में से कोई रसूल आएँ; तुम्हें मेरी आयतें सुनाएँ, तो जिसने डर रखा और सुधार कर लिया तो ऐसे लोगों के लिए न कोई भय होगा और न वे शोकाकुल होंगे

English Sahih:

O children of Adam, if there come to you messengers from among you relating to you My verses [i.e., scriptures and laws], then whoever fears Allah and reforms – there will be no fear concerning them, nor will they grieve. ([7] Al-A'raf : 35)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ औलादे आदम जब तुम में के (हमारे) पैग़म्बर तुम्हारे पास आए और तुमसे हमारे एहकाम बयान करे तो (उनकी इताअत करना क्योंकि जो शख्स परहेज़गारी और नेक काम करेगा तो ऐसे लोगों पर न तो (क़यामत में) कोई ख़ौफ़ होगा और न वह आर्ज़दा ख़ातिर (परेशान) होंगे