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وَالَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا وَاسْتَكْبَرُوْا عَنْهَآ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ   ( الأعراف: ٣٦ )

But those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
deny
كَذَّبُوا۟
झुठलाया
Our Verses
بِـَٔايَٰتِنَا
हमारी आयात को
and (are) arrogant
وَٱسْتَكْبَرُوا۟
और तकब्बुर किया
towards them
عَنْهَآ
उनसे
those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) the Fire
ٱلنَّارِۖ
आग के
they
هُمْ
वो
in it
فِيهَا
उसमें
will abide forever
خَٰلِدُونَ
हमेशा रहने वाले हैं

Waallatheena kaththaboo biayatina waistakbaroo 'anha olaika ashabu alnnari hum feeha khalidoona (al-ʾAʿrāf 7:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया और उनके मुक़ाबले में अकड़ दिखाई; वही आगवाले हैं, जिसमें वे सदैव रहेंगे

English Sahih:

But the ones who deny Our verses and are arrogant toward them – those are the companions of the Fire; they will abide therein eternally. ([7] Al-A'raf : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया और उनसे सरताबी कर बैठे वह लोग जहन्नुमी हैं कि वह उसमें हमेशा रहेगें