وَنَزَعْنَا مَا فِيْ صُدُوْرِهِمْ مِّنْ غِلٍّ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْانْهٰرُۚ وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ هَدٰىنَا لِهٰذَاۗ وَمَا كُنَّا لِنَهْتَدِيَ لَوْلَآ اَنْ هَدٰىنَا اللّٰهُ ۚ لَقَدْ جَاۤءَتْ رُسُلُ رَبِّنَا بِالْحَقِّۗ وَنُوْدُوْٓا اَنْ تِلْكُمُ الْجَنَّةُ اُوْرِثْتُمُوْهَا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ( الأعراف: ٤٣ )
Wanaza'na ma fee sudoorihim min ghillin tajree min tahtihimu alanharu waqaloo alhamdu lillahi allathee hadana lihatha wama kunna linahtadiya lawla an hadana Allahu laqad jaat rusulu rabbina bialhaqqi wanoodoo an tilkumu aljannatu oorithtumooha bima kuntum ta'maloona (al-ʾAʿrāf 7:43)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनके सीनों में एक-दूसरे के प्रति जो रंजिश होगी, उसे हम दूर कर देंगे; उनके नीचें नहरें बह रही होंगी और वे कहेंगे, 'प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने इसकी ओर हमारा मार्गदर्शन किया। और यदि अल्लाह हमारा मार्गदर्शन न करतो तो हम कदापि मार्ग नहीं पा सकते थे। हमारे रब के रसूल निस्संदेह सत्य लेकर आए थे।' और उन्हें आवाज़ दी जाएगी, 'यह जन्नत है, जिसके तुम वारिस बनाए गए। उन कर्मों के बदले में जो तुम करते रहे थे।'
English Sahih:
And We will have removed whatever is within their breasts of resentment, [while] flowing beneath them are rivers. And they will say, "Praise to Allah, who has guided us to this; and we would never have been guided if Allah had not guided us. Certainly the messengers of our Lord had come with the truth." And they will be called, "This is Paradise, which you have been made to inherit for what you used to do." ([7] Al-A'raf : 43)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और उन लोगों के दिल में जो कुछ (बुग़ज़ व कीना) होगा वह सब हम निकाल (बाहर कर) देगें उनके महलों के नीचे नहरें जारी होगीं और कहते होगें शुक्र है उस ख़ुदा का जिसने हमें इस (मंज़िले मक़सूद) तक पहुंचाया और अगर ख़ुदा हमें यहाँ न पहुंचाता तो हम किसी तरह यहाँ न पहुंच सकते बेशक हमारे परवरदिगार के पैग़म्बर दीने हक़ लेकर आये थे और उन लोगों से पुकार कर कह दिया जाएगा कि वह बेहिश्त हैं जिसके तुम अपनी कारग़ुज़ारियों की जज़ा में वारिस व मालिक बनाए गये हों