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وَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖٓ اِلَّآ اَنْ قَالُوْٓا اَخْرِجُوْهُمْ مِّنْ قَرْيَتِكُمْۚ اِنَّهُمْ اُنَاسٌ يَّتَطَهَّرُوْنَ   ( الأعراف: ٨٢ )

And not
وَمَا
और ना
was
كَانَ
था
(the) answer
جَوَابَ
जवाब
(of) his people
قَوْمِهِۦٓ
उसकी क़ौम का
except
إِلَّآ
मगर
that
أَن
ये कि
they said
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
"Drive them out
أَخْرِجُوهُم
निकाल दो उन्हें
of
مِّن
अपनी बस्ती से
your town
قَرْيَتِكُمْۖ
अपनी बस्ती से
Indeed they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
(are) people
أُنَاسٌ
कुछ लोग हैं
who keep themselves pure"
يَتَطَهَّرُونَ
जो बहुत पाक बनते हैं

Wama kana jawaba qawmihi illa an qaloo akhrijoohum min qaryatikum innahum onasun yatatahharoona (al-ʾAʿrāf 7:82)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसकी क़ौम के लोगों का उत्तर इसके अतिरिक्त और कुछ न था कि वे बोले, 'निकालो, उन लोगों को अपनी बस्ती से। ये ऐसे लोग है जो बड़े पाक-साफ़ है!'

English Sahih:

But the answer of his people was only that they said, "Evict them from your city! Indeed, they are men who keep themselves pure." ([7] Al-A'raf : 82)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

सिर्फ करनें वालों (को नुत्फे को ज़ाए करते हो उस पर उसकी क़ौम का उसके सिवा और कुछ जवाब नहीं था कि वह आपस में कहने लगे कि उन लोगों को अपनी बस्ती से निकाल बाहर करो क्योंकि ये तो वह लोग हैं जो पाक साफ बनना चाहते हैं)