وَّاَنَّا مِنَّا الْمُسْلِمُوْنَ وَمِنَّا الْقَاسِطُوْنَۗ فَمَنْ اَسْلَمَ فَاُولٰۤىِٕكَ تَحَرَّوْا رَشَدًا ( الجن: ١٤ )
And that we
وَأَنَّا
और बेशक हम
among us
مِنَّا
हम में से कुछ
(are) Muslims
ٱلْمُسْلِمُونَ
मुसलमान हैं
and among us
وَمِنَّا
और हम में से कुछ
(are) unjust
ٱلْقَٰسِطُونَۖ
ज़ालिम हैं
And whoever
فَمَنْ
तो जो कोई
submits
أَسْلَمَ
फ़रमाबरदार हो गया
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
have sought
تَحَرَّوْا۟
जिन्होंने इरादा किया
(the) right path
رَشَدًا
भलाई का
Waanna minna almuslimoona waminna alqasitoona faman aslama faolaika taharraw rashadan (al-Jinn 72:14)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'और यह कि हममें से कुछ मुस्लिम (आज्ञाकारी) है और हममें से कुछ हक़ से हटे हुए है। तो जिन्होंने आज्ञापालन का मार्ग ग्रहण कर लिया उन्होंने भलाई और सूझ-बूझ की राह ढूँढ़ ली
English Sahih:
And among us are Muslims [in submission to Allah], and among us are the unjust. And whoever has become Muslim – those have sought out the right course. ([72] Al-Jinn : 14)