وَاصْبِرْ عَلٰى مَا يَقُوْلُوْنَ وَاهْجُرْهُمْ هَجْرًا جَمِيْلًا ( المزمل: ١٠ )
And be patient
وَٱصْبِرْ
और सब्र कीजिए
over
عَلَىٰ
उस पर
what
مَا
जो
they say
يَقُولُونَ
वो कहते हैं
and avoid them
وَٱهْجُرْهُمْ
और छोड़ दीजिए उन्हें
an avoidance
هَجْرًا
छोड़ना
gracious
جَمِيلًا
ख़ूबसूरत(अंदाज़ में)
Waisbir 'ala ma yaqooloona waohjurhum hajran jameelan (al-Muzzammil 73:10)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और जो कुछ वे कहते है उसपर धैर्य से काम लो और भली रीति से उनसे अलग हो जाओ
English Sahih:
And be patient over what they say and avoid them with gracious avoidance. ([73] Al-Muzzammil : 10)